भक्तो चालो रे,
म्हारे श्याम धणी रो,
मेलो आयो है,
भगतों चालो रे,
मेलो आयो मेलो आयो,
मेलो आयो है,
भगतों चालो रे।।
रींगस से निशान उठाकर,
खाटू नगरी चालेंगे,
प्रेमी सब रील मिल कर बाबा,
भजन तुम्हारे गायेंगे,
रंग गुलाल उड़े खाटू में,
खुशी मनाएंगे,
भगतों चालो रे।।
ऐसो सज धज कर बैठो है,
नजर ना हमरी लग जावे,
दुर दुर से दर्शन करें प्रेमी,
खाटू आ जावे,
नज़र उतारे बली बली जाए,
आनंद आयो है,
भगतों चालो रे।।
मोरछडी लहराता है कभी,
लीले चढ़ कर आता है,
जब जब हमने टेर लगाई,
एक पल नहीं गवाता है,
नाम तेरे की नाव में बैठे
मन में आयो है
भगतों चालो रे।।
फागुन की रुत न्यारी न्यारी,
सबको लगती प्यारी प्यारी,
कहे रितिका फाल्गुन मेले,
हर बार बुलानो है,
भगतों चालो रे।।
भक्तो चालो रे,
म्हारे श्याम धणी रो,
मेलो आयो है,
भगतों चालो रे,
मेलो आयो मेलो आयो,
मेलो आयो है,
भगतों चालो रे।।
Singer – Ritika Namdev
Upload – Kapil Namdev
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