भक्तो ने है तुमको पुकारा,
नैया से है रूठा किनारा,
भक्तो ने है तुमको पुकारा,
अब तो माँ आ भी जा,
अब तो माँ आ भी जा।।
तर्ज – मैंने जिसको दिल ये दिया है।
हुआ आज अपना ही,
साया भी दुश्मन,
मुकदर ने भी हमसे,
फेरी निगाहे,
निगल गई उजालो को,
गमो की सिआए,
खड़ी मुश्किलें है माँ,
फैलाये बाहें,
कोई भी नजर ना आये सहारा,
नैया से है रूठा किनारा,
भक्तों ने है तुमको पुकारा,
अब तो माँ आ भी जा,
अब तो माँ आ भी जा।।
तुम्हारी अदालत में,
हम मुफलीसो की,
अगर माँ भवानी ना,
सुनवाई ना होगी,
करेगा जहाँ में,
तेरी कौन पूजा,
तुम्हारी माँ रेहमत की,
रुसवाई होगी,
तेरे सिवा कोई नहीं है हमारा,
नैया से है रूठा किनारा,
भक्तों ने है तुमको पुकारा,
अब तो माँ आ भी जा,
अब तो माँ आ भी जा।।
भक्तो ने है तुमको पुकारा,
नैया से है रूठा किनारा,
भक्तो ने है तुमको पुकारा,
अब तो माँ आ भी जा,
अब तो माँ आ भी जा।।