भक्तो ने हिल मिलकर उत्सव मनाया है,
कमी आपकी श्याम आ जाइये,
बस कमी आपकी श्याम आ जाइये।।
तर्ज – ये रेशमी झुल्फे।
लटके फूलो की लडिया दरबार में,
महके अंतर की खुशबू दरबार में,
जगमग जगमग ज्योत जली,
लगती है कितनी हली भली,
कमी आपकी श्याम आ जाये,
बस कमी आपकी श्याम आ जाये।
भक्तों ने हिल मिलकर उत्सव मनाया है,
कमी आपकी श्याम आ जाइये,
बस कमी आपकी श्याम आ जाइये।।
पलके सबकी बिछी है तेरी राह में,
तरसे प्रेमी तुम्हारे तेरी चाह में,
धिनक धिनक ढोलक बोले,
अमृत रस मुरली घोले,
कमी आपकी श्याम आ जाये,
बस कमी आपकी श्याम आ जाये।
भक्तों ने हिल मिलकर उत्सव मनाया है,
कमी आपकी श्याम आ जाइये,
बस कमी आपकी श्याम आ जाइये।।
कोई मेवा मिश्री लाया है,
कोई कंदुल भेट में लाया है,
अपनी अपनी श्रद्धा से,
आये सब तुमसे मिलने,
कमी आपकी श्याम आ जाये,
बस कमी आपकी श्याम आ जाये।
भक्तों ने हिल मिलकर उत्सव मनाया है,
कमी आपकी श्याम आ जाइये,
बस कमी आपकी श्याम आ जाइये।।
रंग भाव भजन का निखरा यहाँ,
अटके श्याम बिहारी ढूंढे कहाँ,
वादा याद दिलाते है,
‘नंदू’ क्यों तरसाते है,
कमी आपकी श्याम आ जाये,
बस कमी आपकी श्याम आ जाये।
भक्तों ने हिल मिलकर उत्सव मनाया है,
कमी आपकी श्याम आ जाइये,
बस कमी आपकी श्याम आ जाइये।।
भक्तो ने हिल मिलकर उत्सव मनाया है,
कमी आपकी श्याम आ जाइये,
बस कमी आपकी श्याम आ जाइये।।
Singer : Mukesh Bagda