भक्तो ने मेरे श्याम को,
कैसा सजा दिया है,
दूल्हे सा बना दिया है,
दूल्हे सा बना दिया है।।
तर्ज – तुम जो चले गए तो।
नैनो में डाला कजरा,
बालों में डाला गजरा,
टिका लगाया है काला,
ना ही नज़र का खतरा,
देखो ये हार फूलों का,
तुमको पहना दिया है,
दूल्हे सा बना दिया है,
दूल्हे सा बना दिया है।।
दीदार है निराला,
श्रृंगार है निराला,
देखो भरा ये भक्तो से,
दरबार है निराला,
सजदे में सारे भक्तो ने,
दिल तो बिछा दिया है,
दूल्हे सा बना दिया है,
दूल्हे सा बना दिया है।।
कैसी है बात देखो,
महके है रात देखो,
नाचे है ये ‘नविन’ भी,
भक्तो के साथ देखो,
बाबा ने ‘राज मेहर’ से,
क्या क्या लिखा दिया है,
दूल्हे सा बना दिया है,
दूल्हे सा बना दिया है।।
भक्तो ने मेरे श्याम को,
कैसा सजा दिया है,
दूल्हे सा बना दिया है,
दूल्हे सा बना दिया है।।
स्वर – नविन जी भगत।