भक्तो से सुना है,
ग्रंथो में लिखा है,
हमने यही पढ़ा है,
हमने यही पढ़ा है,
सांवरे का प्रेमी कभी डरता नहीं,
कभी डरता नहीं,
जैसा श्याम करता है,
कोई करता नहीं।।
तर्ज – लोगो से सुना है।
अपने भक्तो की खातिर,
हर पल दौड़ा आता है,
प्रेम भाव की डोर से,
पलभर में बंध जाता है,
नरसी का मान बढ़ाया,
मीरा को भी अपनाया,
कर्मा को यही बताया,
कर्मा को यही बताया,
सांवरे का प्रेमी कभी डरता नहीं,
कभी डरता नहीं,
जैसा श्याम करता है,
कोई करता नहीं।।
दुनिया ने जिसे ठुकराया है,
बाबा ने साथ निभाया है,
जो हार के दर पर आया है,
उसका हर काम बनाया है,
खाटू के दर जो आया,
वो प्रेम सुधा भर लाया,
दुनिया को यही बताया,
दुनिया को यही बताया,
सांवरे का प्रेमी कभी डरता नहीं,
कभी डरता नहीं,
जैसा श्याम करता है,
कोई करता नहीं।।
भक्तो से सुना है,
ग्रंथो में लिखा है,
हमने यही पढ़ा है,
हमने यही पढ़ा है,
सांवरे का प्रेमी कभी डरता नहीं,
कभी डरता नहीं,
जैसा श्याम करता है,
कोई करता नहीं।।
गायक – संजय शर्मा जी।