भारत जागो विश्व जगाओ,
अपना दिव्य रुप प्रगटाओ,
भारत जागों विश्व जगाओ,
अपना दिव्य रूप प्रगटाओ,
यही है जीवन सार करे,
नव शक्ति का संचार,
यही है जीवन सार करे,
नव शक्ति का संचार,
भारत जागों विश्व जगाओ,
अपना दिव्य रूप प्रगटाओ।।
पुज्य विवेकानंद पधारे,
धन्य धरा हर्षायी,
पुज्य विवेकानंद पधारे,
धन्य धरा हर्षायी,
अंधकार से भरी निशा में,
नई चेतना आयी,
अंधकार से भरी निशा मे,
नई चेतना आयी,
विश्व पटल पर देखी सबने,
ओजस्वी हुंकार,
विश्व पटल पर देखी सबने,
ओजस्वी हुंकार,
करे नव शक्ति का संचार,
भारत जागों विश्व जगाओ,
अपना दिव्य रूप प्रगटाओ।।
ऋषि मुनियों के अमर पुत्र हम,
भूले अपना ग्यान,
ऋषि मुनियों के अमर पुत्र हम,
भूले अपने ग्यान,
पश्चिम के व्हा मोह मे उलझे,
कर्म मिथ्या गुण गान,
पश्चिम के व्हा मोह मे उलझे,
कर्म मिथ्या गुण गान,
प्रखर तेज हिन्दुत्व सुधा की,
पुनः बहाई धार,
प्रखर तेज हिन्दुत्व सुधा की,
पुनः बहाई धार,
करे नव शक्ति का संचार,
भारत जागों विश्व जगाओ,
अपना दिव्य रूप प्रगटाओ।।
दरिद्र भी नारायण अपना,
सबको गले लगाओ,
दरिद्र भी नारायण अपना,
सबको गले लगाओ,
दोष मुक्त हो समाज सारा,
मिल जुल कदम बढाओ,
दोष मुक्त हो समाज सारा,
मिल जुल कदम बढाओ,
गौरव मय नव वैभव पूरीत,
करे स्वप्न साकार,
गौरव मय नव वैभव पूरित,
करे स्वप्न साकार,
करे नव शक्ति का संचार,
भारत जागों विश्व जगाओ,
अपना दिव्य रूप प्रगटाओ।।
यह जग है परिवार हमारा,
धरती सबकी माता,
यह जग है परिवार हमारा,
धरती सबकी माता,
वायु जल आकाश अगन से,
सबका जीवन नाता,
वायु जल आकाश अगन से,
सबका जीवन नाता,
सृष्टि के सब सूत्र सवारे,
जन जन का उद्धार,
सृष्टि के सब सूत्र सवारे,
जन जन का उद्धार,
करे नव शक्ति का संचार,
भारत जागों विश्व जगाओ,
अपना दिव्य रूप प्रगटाओ।।
भारत जागो विश्व जगाओ,
अपना दिव्य रुप प्रगटाओ,
भारत जागों विश्व जगाओ,
अपना दिव्य रूप प्रगटाओ,
यही है जीवन सार करे,
नव शक्ति का संचार,
यही है जीवन सार करे,
नव शक्ति का संचार,
भारत जागों विश्व जगाओ,
अपना दिव्य रूप प्रगटाओ।।
गायक – प्रकाश माली जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818
बहुत सुंदर