भटियाणी रे माता भटियाणी,
ओ मैया गाँव पाचला री धणीयाणी,
ओ मैया गाँव पाचला री धणीयाणी,
भगता ने परचा देवे महारानी,
गाँव पाचला री धणीयाणी।।
मैया परीक्षा लेवन आयी,
खेत में बिजली पानी नाही,
गाया भैंसा बिमार हो जाई,
कठिन घड़ी शैतानजी री आयी,
ओ मैया अग्नि परीक्षा री है ठानी,
मैया अग्नि परीक्षा है ठानी,
गाँव पाचला री धणीयाणी,
भटियाणी रें माता भटियाणी,
गाँव पाचला री धणीयाणी।।
एका एक बेटो मर जावे,
शैतान सिंह जी रे समझ नहीं आवे,
जोड्यत रो जीव दुख पावे,
नैना मे नीर ए भर भर आवे,
रोवे झुर झुुर मायत बेटा री,
रोवे झुर झुुर मायत बेटा री,
गाँव पाचला री धणीयाणी,
भटियाणी रें माता भटियाणी,
गाँव पाचला री धणीयाणी।।
सब कुछ ए शैतानजी घमायो,
राख्यो भरोसो फिर भी सवायो,
एक दिन माता मार्ग वेता,
शैतान सिंह जी ने रूप दिखायो,
वेग्या भरम मे पन पहचान नही,
गाँव पाचला री धणीयाणी,
भटियाणी रें माता भटियाणी,
गाँव पाचला री धणीयाणी।।
एक रात पछे सपनो आयो,
शैतान सिंहजी ने माँ समझायो,
रास नही ओ घर थाने आयो,
दूजो अलग एक घर बनवावो,
थारी मिट जासी विपदा आ सारी,
थारी मिट जासी विपदा आ सारी,
गाँव पाचला री धणीयाणी,
भटियाणी रें माता भटियाणी,
गाँव पाचला री धणीयाणी।।
हुक्म मान दुजो घर बनवायो,
भटियाणी जी परचो दिखलायो,
आंगन में है केसर आयो,
भगत लोग ज्यारो तिलक लगायो,
करे अचरज सारा एतो नर नारी,
करे अचरज सारा एतो नर नारी,
गाँव पाचला री धणीयाणी,
भटियाणी रें माता भटियाणी,
गाँव पाचला री धणीयाणी।।
केसर लोग घर ले जावे,
भटियाणी सारा हुक्म सुनावे,
केसर माता बंध करावे,
अब केवल दो महिना ही आवे,
गंगा केसर की माँ है न्यारी,
गंगा केसर की माँ है न्यारी,
गाँव पाचला री धणीयाणी,
भटियाणी रें माता भटियाणी,
गाँव पाचला री धणीयाणी।।
एक रात फिर सपनो आवे,
भटियाणी जी वचन सुनावे,
माघ सुदी पाचम् गोद में आवे,
भगत गाय एक द्वारे पावे,
बाता संवत् है २०११ की,
बाता संवत् २०११ की,
गाँव पाचला री धणीयाणी,
भटियाणी रें माता भटियाणी,
गाँव पाचला री धणीयाणी।।
काला गोरा दो नाग भी आवे,
भगत गाया रे तिलक लगावे,
लोग अचंभो देखने आवे,
लीला रो कोई पार न पावे,
मैया भीड़ पडे भर भगता री,
मैया भीड़ पडे भर भगता री,
गाँव पाचला री धणीयाणी,
भटियाणी रें माता भटियाणी,
गाँव पाचला री धणीयाणी।।
एक रात फिर हुक्म होयो है,
शैतानजी ने माँ यु कयो है,
पहली बार जद दूध निकालो,
नाग जोड़ ने पहली पिलावो,
पछे बारी पिवन री है थारी,
पछेे बारी पिवन री है थारी,
गाँव पाचला री धणीयाणी,
भटियाणी रें माता भटियाणी,
गाँव पाचला री धणीयाणी।।
दूध नाग ने भगत पिलावे,
खुद पिवन सु है डर जावे,
दूजी टोगडी ने दूध पिलावे,
गर्भवती वा तो हो जावे,
दीनो बछडो छ:महीना रो होवता ही,
दीनो बछडो छ: महीना रो होवता ही,
गाँव पाचला री धणीयाणी,
भटियाणी रें माता भटियाणी,
गाँव पाचला री धणीयाणी।।
भटियाणी रे माता भटियाणी,
ओ मैया गाँव पाचला री धणीयाणी,
ओ मैया गाँव पाचला री धणीयाणी,
भगता ने परचा देवे महारानी,
गाँव पाचला री धणीयाणी।।
गायक – श्याम पालीवाल जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी।
(रायपुर जिला पाली राजस्थान)
9640557818