भव पार तुम्ही करते हो,
उद्धार तुम्ही करते हो।
तर्ज – मैंने प्यार तुम्ही से किया।
श्लोक – अपने भक्तो को भव पार,
तुम्ही तो करते हो,
सारी दुनिया की झोली,
श्याम सुन्दर भरते हो,
तब तो ये श्याम,
मुझ पापी का उद्धार करो,
जब दीनबंधु कहलाते हो,
तो ‘शर्मा’ की नैया पार करो।
भव पार तुम्ही करते हो,
उद्धार तुम्ही करते हो,
फिर क्यों ना गुण तेरे गाये,
हम क्यों ना तेरा भजन करे,
हम क्यों ना तेरा ध्यान धरे,
भव पार तुम्ही करते हों,
उद्धार तुम्ही करते हो,
फिर क्यों ना गुण तेरे गाये,
हम क्यों ना तेरा भजन करे,
हम क्यों ना तेरा ध्यान धरे।।
ओ मेरे श्याम धणी जग है तेरा,
मैं तेरा हूँ तू है मेरा,
माया मैं जो जग की घिर जाऊंगा,
भला कैसे दर पे फिर आऊंगा,
भला कैसे दर पे फिर आऊंगा,
भव पार तुम्ही करते हों,
उद्धार तुम्ही करते हो,
फिर क्यों ना गुण तेरे गाये,
हम क्यों ना तेरा भजन करे,
हम क्यों ना तेरा ध्यान धरे।।
तेरे दिल में सदा श्री श्याम रहें,
इन होठों पे तेरा नाम रहें,
तुमको अगर श्याम भूल जाऊंगा,
जीते जी मैं दुनिया में मर जाऊंगा,
जीते जी मैं दुनिया में मर जाऊंगा,
भव पार तुम्ही करते हों,
उद्धार तुम्ही करते हो,
फिर क्यों ना गुण तेरे गाये,
हम क्यों ना तेरा भजन करे,
हम क्यों ना तेरा ध्यान धरे।।
मेरे श्याम से है वही वर पाते,
जो प्रेम लगन से खाटू जाते,
ग्यारस की तुम भी ज्योत जगाना,
गाके भजन ‘लख्खा’ श्याम को रिझाना,
गाके भजन श्री श्याम को रिझाना,
भव पार तुम्ही करते हों,
उद्धार तुम्ही करते हो,
फिर क्यों ना गुण तेरे गाये,
हम क्यों ना तेरा भजन करे,
हम क्यों ना तेरा ध्यान धरे।।
भव पार तुम्ही करते हो,
उद्धार तुम्ही करते हो,
फिर क्यों ना गुण तेरे गाये,
हम क्यों ना तेरा भजन करे,
हम क्यों ना तेरा ध्यान धरे,
भव पार तुम्ही करते हों,
उद्धार तुम्ही करते हो,
फिर क्यों ना गुण तेरे गाये,
हम क्यों ना तेरा भजन करे,
हम क्यों ना तेरा ध्यान धरे।।
Singer : Lakhbir Singh Lakkha