श्याम धणी म्हारा श्याम धणी,
भावना सु ध्यावे,
ज्या पर मेहर गणी।।
सिंगोली में मंदिर भारी,
महीमा है न्यारी,
दुर दुर सु आवे थारे,
लाखों ही नर नारी,
भगता को मेलों भारी,
भीड़ गणी,
भावना सू ध्यावे,
ज्या पर मेहर गणी।।
नित नवा सिणगार ठाकुर जी,
छवि या लागे प्यारी,
सज धज कर विराज्या ठाकुर,
महीमा बरणी ना जाई,
पल पल निहारू सुरत,
लागे सोवणी,
भावना सू ध्यावे,
ज्या पर मेहर गणी।।
पीला पितांबर बागा सोवे,
छवि है न्यारी,
केसर बरणो रूप सोहणो,
सुरतिया रूपाली,
सोना रा सिहासन उपर,
बिराज्या धणी,
भावना सू ध्यावे,
ज्या पर मेहर गणी।।
कसुमल पाग कलंगी सोहे,
जामा की छवि न्यारी,
काना माही कुंडल दमके,
कमर्या सजी कटारी,
पागा वाला तुर्रा ज्यामे,
रेशम गणी,
भावना सू ध्यावे,
ज्या पर मेहर गणी।।
बालक थाको देव शर्मा,
लिख लिख भजन बणायो,
भुल चुक ने माफ करज्यो,
जेसा सुज्यो गायो,
भोला भगता की लाज,
राखे है धणी,
भावना सू ध्यावे,
ज्या पर मेहर गणी।।
श्याम धणी म्हारा श्याम धणी,
भावना सु ध्यावे,
ज्या पर मेहर गणी।।
गायक – देव शर्मा।
8290376657