भेजा है बुलावा तूने शेरावालिये,
ओ मईया तेरे दरबार में हां,
तेरे दीदार को मैं आऊंगा,
कभी ना फिर जाऊँगा,
भेजा है बुलावा तूने शेरावालिये।।
शेरावालिये नी माता ज्योतावालिये,
नी सच्चियाँ ज्योतावालिये, लाटावालिये।।
तेरे ही दर के है हम तो भिखारी,
जाएं कहा ये दर छोड़ के, हां छोड़ के,
तेरे ही संग बाँधी भक्तो ने डोरी,
सारे जहां से नाता तोड़ के, हां तोड़ के।।
शेरावालिये नी माता ज्योतावालिये,
नी सच्चियाँ ज्योतावालिये, लाटावालिये।।
भेजा हैं बुलावा तूने शेरावालिये,
ओ मईया तेरे दरबार,
में हां तेरे दीदार को मैं आऊंगा,
कभी ना फिर जाऊँगा,
भेजा हैं बुलावा तूने शेरावालिये।।
फूलों में तेरी ही खुशबु है मईया,
चंदा में तेरी ही चांदनी, हां चांदनी,
तेरे ही नूर से है नैनो की ज्योतिया,
सूरज में तेरी ही रौशनी, हां रौशनी।।
शेरावालिये नी माता ज्योतावालिये,
नी सच्चियाँ ज्योतावालिये, लाटावालिये।।
भेजा हैं बुलावा तूने शेरावालिये,
ओ मईया तेरे दरबार,
में हां तेरे दीदार को मैं आऊंगा,
कभी ना फिर जाऊँगा,
भेजा है बुलावा तूने शेरावालिये।।
बहुत बहुत बहुत अच्छा