भेरु थारे शिशोदा में बाजे ढोल,
रमतो रमतो आवजे,
भेरू मंदरिया का पटना खोल,
दर्शन ने आवे जातरी,
अरे भेरू मंदरिया में बाजे ढोल,
रमतो रमतो आवजे।।
अरे भेरू शिशोदा में मोटी धाम,
दे दर्शन दुख मेट जे,
अरे भेरू मंदरिया में बाजे ढोल,
रमतो रमतो आवजे।।
ऐ भेरू थाली मादल बाजे ढ़ोल,
भक्त लुल लुल नाचता,
अरे भेरू मंदरिया में बाजे ढोल,
रमतो रमतो आवजे।।
ऐ इन कलयुग में परच्या जोर,
नर नारी थारा दर्शन पावता,
अरे भेरू मंदरिया में बाजे ढोल,
रमतो रमतो आवजे।।
ऐ थारे जगमग जागे दिवला री जोत,
दर्शन कर सुख पावता,
अरे भेरू मंदरिया में बाजे ढोल,
रमतो रमतो आवजे।।
भेरू निचली भागल रा नर और नार,
जागण जोर जगावता,
अरे जागण जोर जगावे लोग,
भक्ताने बुलावता,
अरे भेरू मंदरिया में बाजे ढोल,
रमतो रमतो आवजे।।
भेरु थारे शिशोदा में बाजे ढोल,
रमतो रमतो आवजे,
भेरू मंदरिया का पटना खोल,
दर्शन ने आवे जातरी,
अरे भेरू मंदरिया में बाजे ढोल,
रमतो रमतो आवजे।।
गायक – नरेश प्रजापत।
प्रेषक – मगन लाल प्रजापति मोलेला।
7229814054
https://youtu.be/JkhU9_VfkcY