भेरू थारी भक्ति में,
होकर के बावरा,
अ र र नाचे हो,
भेरूजी थारा टाबरां।।
तर्ज – सतरंगी लहरियों।
भक्ति री रात आज,
आंगणे जो आई है,
हिलमिल बाबा थारी,
ज्योत जगाई है,
गुणगान गावे बाबा,
भक्त बेठिया आपरा,
अ र र नाचे हो,
भेरूजी थारा टाबरां।।
सांकल ले हाथा में,
भोपा जी भी नाचरिया,
जठै देखो वठे नाम,
भेरू का ही गुंजरिया,
हीरा जड़िया आंगी में,
थारे सवा लाख रा,
अ र र नाचे हो,
भेरूजी थारा टाबरां।।
भक्तो रा सागे नाचे,
भैरव मतवालों रे,
प्यार लुटावे बाबो,
बड़ो दिलवालों रे,
‘दिलबर’ दीवाना भक्त,
नाकोंडा रा धाम रा,
अ र र नाचे हो,
भेरूजी थारा टाबरां।।
भेरू थारी भक्ति में,
होकर के बावरा,
अ र र नाचे हो,
भेरूजी थारा टाबरां।।
गायक – त्रिलोक मोदी।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया दिलबर।
नागदा जक्शन म.प्र . 9907023365