भिखारी के घर में दाता पधारे,
बड़े ही अनोखे भाग्य हमारे,
कभी जो सोचा ना था,
वो मिल गया है,
ऐसे दयालु है मेरे श्याम प्यारे।।
तर्ज – तुम्ही मेरे मंदिर।
करुणा का सिंधु आया है चलकर,
सागर ही आ गया है प्यासे के घर पर,
आये थे राम जैसे भीलनी के द्वारे,
बड़े ही अनोखे भाग्य हमारे,
भिखारी के घर में दाता पधारें,
बड़े ही अनोखे है भाग्ये हमारे।।
कभी सोचता हूँ सच है या सपना,
सांवरे के लायक तो नहीं घर ये अपना,
टुटा सा घर है फूटी दीवारे,
बड़े ही अनोखे भाग्य हमारे,
भिखारी के घर में दाता पधारें,
बड़े ही अनोखे भाग्य हमारे।।
कहाँ मैं बिठाऊँ क्या मैं खिलाऊँ,
स्वागत में इसको क्या पहनाऊँ,
भिक्षा में सबकुछ इन्ही से मिला रे,
बड़े ही अनोखे भाग्य हमारे,
भिखारी के घर में दाता पधारें,
बड़े ही अनोखे भाग्य हमारे।।
सदा इसके दर पे जाता हूँ लेने,
आज मेरा सेठ खुद ही आया है देने,
‘बिन्नू’ तुम्हारे तो हुए वारे न्यारे,
बड़े ही अनोखे भाग्य हमारे,
भिखारी के घर में दाता पधारें,
बड़े ही अनोखे भाग्य हमारे।।
भिखारी के घर में दाता पधारे,
बड़े ही अनोखे भाग्य हमारे,
कभी जो सोचा ना था,
वो मिल गया है,
ऐसे दयालु है मेरे श्याम प्यारे।।
Singer – Rajni Rajasthani