जिसका कोई नहीं,
बस एक है तू ही,
सब पे पहरा तेरा जोगिया,
मन के मंदिर में है,
तू इस दिल में है,
एक चेहरा तेरा जोगिया,
आँखे तेरे दर्श से तरसे,
रिमझिम रिमझिम सावन बरसे,
होठो पे है नाम तेरा,
इस दिल में है अब धाम तेरा,
मेरा दिल लगा लगा लगा,
लगन लगन लग गयी है,
तुझसे मेरी लगन लगी,
भोला तेरी लगन लगी।।
तर्ज – लगन लगी।
मन कही चेन ना पावे,
बिन तेरे कुछ ना भाये,
तेरे बिन रेन कटे ना,
नही ये दिन होता हैं,
अब जाउ कहा लगे सुना ज़हा,
चेन आए नादान दिल को मेरे,
तेरी पूजा करू तेरा सजदा करू,
मैं जब मरु बाबा दर पे तेरे,
तू ही दर दर में हैं,
अब मेरे सर पे है,
सिर्फ़ सेहरा तेरा जोगिया,
अब तो पल पल करे,
दिल में हलचल करे,
बस लेहरा तेरा जोगिया,
मन में है ना मन्नत मांगू,
तुझसे ना मैं जन्नत मांगू,
होठो पे है नाम तेरा,
इस दिल में है अब धाम तेरा,
मेरा दिल लगा लगा लगा,
लगन लगन लग गयी है,
तुझसे मेरी लगन लगी,
भोला तेरी लगन लगी।।
मुझे तू भूल ना जाना,
कभी तू दूर ना जाना,
जिया को कुछ ना भाए,
जोगिया झलक दिखाना,
तेरे बिन ना रहे मन कैसे कहे,
बनके आसू ये अरमान नयन से बहे,
कष्ट लाखो सहे आग दिल में जले,
जिंदगी की डगरिया ये काटो से भरे,
तू ही गागर भी है,
तू ही सागर भी है,
दिल है तेरा गहरा जोगिया,
ऐसा दूजा कहा,
बस जाई ये ज़हा,
जैसा सहारा तेरा जोगिया,
करके अंकुश अर्पण माँगे,
राजा तेरा दर्शन माँगे,
होठो पे है नाम तेरा,
इस दिल में है अब धाम तेरा,
मेरा दिल लगा लगा लगा,
लगन लगन लग गयी है,
तुझसे मेरी लगन लगी,
भोला तेरी लगन लगी।।
जिसका कोई नहीं,
बस एक है तू ही,
सब पे पहरा तेरा जोगिया,
मन के मंदिर में है,
तू इस दिल में है,
एक चेहरा तेरा जोगिया,
आँखे तेरे दर्श से तरसे,
रिमझिम रिमझिम सावन बरसे,
होठो पे है नाम तेरा,
इस दिल में है अब धाम तेरा,
मेरा दिल लगा लगा लगा,
लगन लगन लग गयी है,
तुझसे मेरी लगन लगी,
भोला तेरी लगन लगी।।
प्रेषक – धीरेन्द्र प्रताप।