भोले बाबा की निकली बारात है,
भुत प्रेत है बाराती क्या बात है,
निकली बारात है,
वाह वाह क्या बात है,
भोलें बाबा की निकली बारात है,
भुत प्रेत है बाराती क्या बात है।।
नंदी पर असवार हुए है,
सजधज कर तैयार हुए है,
आए दूल्हा बनकर भोलेनाथ है,
भुत प्रेत है बाराती क्या बात है,
भोलें बाबा की निकली बारात है,
भुत प्रेत है बाराती क्या बात है।।
भस्म भभूती लिपटे तन में,
सर्पो की माला है पहने,
डम डम डमरू सोहे उनके हाथ है,
भुत प्रेत है बाराती क्या बात है,
भोलें बाबा की निकली बारात है,
भुत प्रेत है बाराती क्या बात है।।
भोले के बाराती बनकर,
आओ झूमे नाचे जमकर,
भोले की शादि की ‘सोनू’ रात है,
भुत प्रेत है बाराती क्या बात है,
भोलें बाबा की निकली बारात है,
भुत प्रेत है बाराती क्या बात है।।
भोले बाबा की निकली बारात है,
भुत प्रेत है बाराती क्या बात है,
निकली बारात है,
वाह वाह क्या बात है,
भोलें बाबा की निकली बारात है,
भुत प्रेत है बाराती क्या बात है।।
स्वर – सौरभ मधुकर।
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