भोले बाबा मेरा प्यारा डमरू वाला,
गले मे डला नाग काला।।
कानों में कुंडल सोहे माथे में चंद्रमा,
अनुपम है भोले तेरी मुखड़े की भंगिमा,
तीनों लोकों में तेरा बोल वाला,
गले में डला नाग काला।।
तेरी जटो से बहती गंगा की धारा,
पवन धरा को करके पापियों को तारा,
दानी तुझसा नहीं और कोई आला,
गले में डाला नाग काला।।
नंदी सवारी करते भस्म रमाये,
हाथो में डमरू तेरे डम डम डमाये,
‘राजेंद्र’ सबका है नील कंठ वाला,
गले मे डला नाग काला।।
भोले बाबा मेरा प्यारा डमरू वाला,
गले मे डला नाग काला।।
गीतकार / गायक – राजेन्द्र प्रसाद सोनी।
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