भोले सा दाता भोले सा दानी,
है कौन दुनिया में उन से ज्ञानी,
जो रखता है गंगा सर पे,
चन्दा निशानी,
रखता है गंगा सर पे,
चन्दा निशानी।।
जिसके दरवाजे पर,
राजा रंक भी आते है,
बराबर दर्जा पाते है,
और झोली भर लाते है,
हर ले जो सबकी दुख और हैरानी,
रटता जगत है जिसकी कहानी,
जो रखता है गंगा सर पे,
चन्दा निशानी,
रखता है गंगा सर पे,
चन्दा निशानी।।
बाँट के अमृत जिसने,
खुद ही विष पी डाला है,
जिनका काम निराला है,
बड़ा ही भोला भाला है,
माया को जिनकी समझे क्या प्राणी,
ऐसे हैं मेरे शिव भोलेदानी,
जो रखता है गंगा सर पे,
चन्दा निशानी,
रखता है गंगा सर पे,
चन्दा निशानी।।
ज्योत से जिनकी भक्तों,
जब तक चांद सितारे हैं,
जगत जिससे उजियारा है,
वही सबके रखवारे है,
गाता है ‘दीपक’ जिनकी ही वाणी,
नाम है जिनका शिव भोलेदानी,
जो रखता है गंगा सर पे,
चन्दा निशानी,
रखता है गंगा सर पे,
चन्दा निशानी।।
भोले सा दाता भोले सा दानी,
है कौन दुनिया में उन से ज्ञानी,
जो रखता है गंगा सर पे,
चन्दा निशानी,
रखता है गंगा सर पे,
चन्दा निशानी।।
गायक – देश दीपक।
टिकैतनगर, बाराबंकी।
9889728834