भोले शंकर का ये भोलापन,
दोहा – मंगलमय शिवरात्रि है,
मन मंथन का पर्व।
शिव हितार्थ पूजन करे,
देव मनुज गंधर्व।
भोले शंकर का ये भोलापन,
जिसका सारा जगत है दीवाना,
भोलेशंकर के पावन चरण,
चौदह भुवनो में प्यारा ठिकाना।।
तर्ज – सात फेरो के सातों वचन।
सबकी स्वासों में सोहम है शिवजी,
चौदह भुवनो के हरम भी शिव जी,
ॐ शिवजी का नाम जपन,
कोटि मंत्रों से रहता बेगाना,
भोले शंकर के पावन चरण,
चौदह भुवनो में प्यारा ठिकाना।।
सातों सागर का पानी भी कम है,
जितनी दिल में तुम्हारे रहम है,
कैसे रहमत का करूं वर्णन,
जिसे वेदों ने भी ना बखाना,
भोले शंकर के पावन चरण,
चौदह भुवनो में प्यारा ठिकाना।।
जो गिरा इस जगत की निगाहों में,
उसे तुमने संभाला है बाहों में,
महादेवा मै आया शरण,
अपनी बाहों में मुझको की,
तेरी चौखट पे आया सजन,
भाव भक्ति हृदय में जगाना,
भोले शंकर के पावन चरण,
चौदह भुवनो में प्यारा ठिकाना।।
भोले शँकर का ये भोलापन,
जिसका सारा जगत है दीवाना,
भोले शंकर के पावन चरण,
चौदह भुवनो में प्यारा ठिकाना।।
ये भी देखें – भोलेनाथ तुम्हारा भोलापन।
लेखक / प्रेषक – डॉ सजन सोलंकी।
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