भोलेनाथ मेरा बड़ा भोला भाला,
सब कहते है इसे डमरू वाला,
भोलेनाथ मेरा बड़ा भोलाभाला।।
विष से पड़ा सुर असुरो का पाला,
पिया था हलाहल मेरा शिव मतवाला,
कोई तेरे जैसा ना विष पीने वाला,
भोलेनाथ मेरा बड़ा भोलाभाला।।
कैलाश पर्वत पे आसन लगाया,
गंगाजी को जटा में समाया,
देखो कैसी लीला रचाए डमरूवाला,
भोलेनाथ मेरा बड़ा भोलाभाला।।
तुझको पूजे भगत हजार है,
तेरे हाथों ‘लाडली’ की पतवार है,
तेरे जैसा कोई नहीं मेरा रखवाला,
भोलेनाथ मेरा बड़ा भोलाभाला।।
भोलेनाथ मेरा बड़ा भोला भाला,
सब कहते है इसे डमरू वाला,
भोलेनाथ मेरा बड़ा भोलाभाला।।
स्वर – तान्या भारद्वाज।