भोलेनाथ तुम्हारा भोलापन,
श्री विष्णु के मन भाया है,
दे दिया भस्मा को वरदान तूने,
बन नारी नारायण आया है,
भोले नाथ तुम्हारा भोलापन,
श्री विष्णु के मन भाया है।bd।
वरदान तुम्ही से पाकर के,
रावण भी बड़ा गर्वाया था,
तब राम जी ले अवतार प्रभु,
रावण का गर्व मिटाया था,
भोले नाथ तुम्हारा भोलापन,
श्री विष्णु के मन भाया है।bd।
जब करके तपस्या भगीरथ ने,
गंगा को तुमने मनाया था,
तारा साठ हजार सगर सूत को,
तीनों लोक में तेरी माया है,
भोले नाथ तुम्हारा भोलापन,
श्री विष्णु के मन भाया है।bd।
जब सती को सुनाई अमरकथा,
सुआ भी हुंकारा देता था,
सुऐ से बने सुकदेव मुनि,
उसने भी अमर पद पाया है,
भोले नाथ तुम्हारा भोलापन,
श्री विष्णु के मन भाया है।bd।
भोलेनाथ तुम्हारा भोलापन,
श्री विष्णु के मन भाया है,
दे दिया भस्मा को वरदान तूने,
बन नारी नारायण आया है,
भोले नाथ तुम्हारा भोलापन,
श्री विष्णु के मन भाया है।bd।
स्वर – मांगीलाल जी राव।