भूल से भी ना भुलाना,
श्याम वादा कीजिए,
प्रेम कर अब प्रेमियों से,
मत किनारा कीजिए,
भुल से भी ना भुलाना,
श्याम वादा कीजिए।।
तर्ज – दिल ही दिल में ले लिया।
श्याम तेरी ही मेहर से,
नाव आगे बढ़ रही,
है भवर पग पग पे कितनी,
तेज आंधी चल रही,
मैं ना चेता आप पर हूँ,
श्याम ये सुन लीजिये,
प्रेम कर अब प्रेमियों से,
मत किनारा कीजिए,
भुल से भी ना भुलाना,
श्याम वादा कीजिए।।
आप ही मालिक हमारे,
मैं तो हूँ बंदा तेरा,
कीजिए कुछ ऐसा मोहन,
जिसमे हो मेरा भला,
है भलाई इसमें मेरी,
दूर मत ना कीजिए,
प्रेम कर अब प्रेमियों से,
मत किनारा कीजिए,
भुल से भी ना भुलाना,
श्याम वादा कीजिए।।
लेते हो मोहन परीक्षा,
हमने भक्तो से सुना,
बंदे की औकात क्या है,
सांवरे तेरे बिना,
दास को आजमाने की अब,
दूर मंशा कीजिए,
प्रेम कर अब प्रेमियों से,
मत किनारा कीजिए,
भुल से भी ना भुलाना,
श्याम वादा कीजिए।।
एक मैं ही तो नहीं,
संसार करता प्रेम है,
लो खबर मेरी भी मोहन,
दिल बड़ा बेचैन है,
‘नंदू’ अपनों पे सदा,
ऐ श्याम करुणा कीजिए,
प्रेम कर अब प्रेमियों से,
मत किनारा कीजिए,
भुल से भी ना भुलाना,
श्याम वादा कीजिए।।
भूल से भी ना भुलाना,
श्याम वादा कीजिए,
प्रेम कर अब प्रेमियों से,
मत किनारा कीजिए,
भुल से भी ना भुलाना,
श्याम वादा कीजिए।।
स्वर एवं रचना – श्री नंदकिशोर जी शर्मा।
https://youtu.be/nMss8mwWpPg