बिगड़ी मेरी बन गई श्याम,
तेरे नाम से,
जिंदगी मेरी बन गई,
तेरे नाम से,
बिगड़ीं मेरी बन गई श्याम,
तेरे नाम से।।
तर्ज – जियें तो जियें कैसे।
रोते रोते आया था मैं,
तुमने हसाया है,
हर दुःख में बाबा तुमने,
साथ निभाया है,
कैसे मैं भूलूँ जो,
तुमने दिया है,
तेरा शुक्रिया श्याम,
तेरा शुक्रिया है,
बिगड़ीं मेरी बन गई श्याम,
तेरे नाम से,
जिंदगी मेरी बन गई,
तेरे नाम से,
बिगड़ीं मेरी बन गई श्याम,
तेरे नाम से।।
लाख चाहे सारा जग,
मुझको गिराने की,
तू जो साथ है मेरे,
क्या फिकर ज़माने की,
हर श्वास में प्रभु,
तेरा नाम गाऊं,
सच्चा मेरा यार है तू,
सबको बताऊँ,
बिगड़ीं मेरी बन गई श्याम,
तेरे नाम से,
जिंदगी मेरी बन गई,
तेरे नाम से,
बिगड़ीं मेरी बन गई श्याम,
तेरे नाम से।।
इतना सा चाहूँ श्याम,
साथ तेरा छुटे ना,
बाँधी जो प्रेम की डोरी,
श्याम टूटे ना,
दास ‘नरेश’ बाबा,
तेरा गुण गायें,
हारे का सहारा तुम हो,
सबको बताए,
बिगड़ीं मेरी बन गई श्याम,
तेरे नाम से,
जिंदगी मेरी बन गई,
तेरे नाम से,
बिगड़ीं मेरी बन गई श्याम,
तेरे नाम से।।
बिगड़ी मेरी बन गई श्याम,
तेरे नाम से,
जिंदगी मेरी बन गई,
तेरे नाम से,
बिगड़ीं मेरी बन गई श्याम,
तेरे नाम से।।
स्वर – नरेश पंवार बीकानेरी।