बिजासन मैया लालो देदोनी,
म्हारी गोद में,
नोरता में पैदल आऊं,
ढोकु थारा देश में,
बिजासन मईया लालो देदोनी,
म्हारी गोद में।।
तर्ज – अगर जोर मेरो चाले।
ऊंचा ऊँचा डूंगरा में,
बिजासन दरबार,
पैदल पैदल आवे यात्री,
ढोके नर और नार,
बाँझडली को नाम मिटादे,
कर दे बेड़ा पार रे,
बिजासन मईया लालो देदोनी,
म्हारी गोद में।।
चांदी वालो छत्र चढ़ाऊँ,
और चढ़ाऊँ पालनो,
और कही ना जाउ म्हारी मैया,
थारे आ गई पावणों,
पैदल पैदल आई मैया,
करदे पूरी आस रे,
बिजासन मईया लालो देदोनी,
म्हारी गोद में।।
इंदरगढ़ का डूंगरा में,
बिजासन दरबार,
ऊंची ऊंची पेड़ी मैया,
चढ़यो न उतरयो जाय,
पगा उबानी चढ़ गई मैया,
अब तो सुनले पुकार रे,
बिजासन मईया लालो देदोनी,
म्हारी गोद में।।
एक हाथ त्रिशूल विराजे,
एक हाथ तलवार,
लाल चुनरिया सोवे म्हारी मैया,
सिंह की असवार,
रामचंद्र थारी महिमा गावे,
धरधे सिर पर हाथ रे,
बिजासन मईया लालो देदोनी,
म्हारी गोद में।।
बिजासन मैया लालो देदोनी,
म्हारी गोद में,
नोरता में पैदल आऊं,
ढोकु थारा देश में,
बिजासन मईया लालो देदोनी,
म्हारी गोद में।।
– गायक एवं प्रेषक –
रामचंद्र सुमन जी।
8890040122