बिना रघुनाथ को देखे नहीं दिल को करारी है लिरिक्स

बिना रघुनाथ को देखे, नहीं दिल को करारी है, हमारी मात की करनी, सकल दुनिया से न्यारी है, बिना सियाराम को देखे, नहीं दिल को करारी है।। (भजन प्रसंग – भरत का श्रीराम वियोग) लगी रघुवंश में अग्नि, अवध सारी उजाड़ी है, विमुख श्री राम से कीन्हा, ऐसी जननी हमारी है, बिना सियाराम को देखे, … Continue reading बिना रघुनाथ को देखे नहीं दिल को करारी है लिरिक्स