बिनती सुनिए नाथ हमारी,
हम मांगे तुम खाए।
बिनती सुनिए नाथ हमारी,
हृदयष्वर हरि हृदय बिहारी,
हृदयष्वर हरि हृदय बिहारी,
मोर मुकुट पीतांबर धारी,
बिनती सुनिये नाथ हमारी।।
देखे – सुध ले लो मेरी घनश्याम।
जनम जनम की लागी लगन है,
साक्षी तारो भरा गगन है,
गिन गिन स्वांस आस कहती है,
आएँगे श्री कृष्ण मुरारी,
विनती सुनिये नाथ हमारी,
हृदयष्वर हरि हृदय बिहारी,
हृदयष्वर हरि हृदय बिहारी,
मोर मुकुट पीतांबर धारी,
बिनती सुनिये नाथ हमारी।।
सतत प्रतीक्षा अपलक लोचन,
हे भव बाधा बिपति बिमोचन,
स्वागत का अधिकार दीजिए,
शरणागत है नयन पुजारी,
विनती सुनिये नाथ हमारी,
हृदयष्वर हरि हृदय बिहारी,
हृदयष्वर हरि हृदय बिहारी,
मोर मुकुट पीतांबर धारी,
बिनती सुनिये नाथ हमारी।।
और कहूं क्या अंतर्यामी,
तन मन धन प्राणो के स्वामी,
करुणाकर आकर ये कहिए,
स्वीकारी विनती स्वीकारी,
विनती सुनिये नाथ हमारी,
हृदयष्वर हरि हृदय बिहारी,
हृदयष्वर हरि हृदय बिहारी,
मोर मुकुट पीतांबर धारी,
बिनती सुनिये नाथ हमारी।।
विनती सुनिए नाथ हमारी,
विनती सुनिए नाथ हमारी,
हृदयष्वर हरि हृदय बिहारी,
हृदयष्वर हरि हृदय बिहारी,
मोर मुकुट पीतांबर धारी,
बिनती सुनिये नाथ हमारी।।
Lyrics By: Pt. Narendra Sharma
Sung By: Osman Mir
Suggested By: Samrat Biswas
भजन बहुत अच्छा रहा मगर अंतिम पैरों में बहुत लंबा खींच गए आवाज को…
इस प्रतिक्रिया के लिए आपका धन्यवाद।
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GURU JI VINATI SUNIYE NATH HAMARI KA TARZ KAUN SA SONG HAI PLEASE REPLAY ME
राग भीमपलासी में है ये भजन, तर्ज नही है इसकी, इसे किसी पुराने धारावाहिक में भी फिल्माया गया है
बहुत ही खूबसूरत भजन है । व ओसमान जी ने अपनी बहुत ही गज़ब ढंग से गाया । वआआह ओसमान जी क्या बात है?????
अदभुत डिवाइन फीलिंग
Ati sunder vinati ha, awaz me prarthna ka bhav ha