बीरूडा देव पत्री सुनी देवजी की,
कोई नारायण अवतार प्रभु जी,
आया गुर्जर आंगने,
कोई भूमि पर ले भार,
बीरा धर्म धुरी ने धारने,
हे धिन धिन भंवरा बाघ का,
कोई भोज सवाई लाल,
प्रभुजी कुंवर कहाया साडू का,
कोई पूर्ण जगत प्रतीपाल,
बीरूडा गौरव गुर्जर जात का रे।।
बीरूडा निराकार आकार ले कोई,
धारे मानव देह भाई रे,
भोम बढे वैकुण्ठ री,
जटे दूधा बरसे मेघ बीरा रे,
जद जद ईश्वर अवतरे,
ए कंवरा मती गुर्जर ने छेड़ जो,
ओ प्रेम सु आवे पास भाई रे,
पंछीडा है प्रेम का कोई,
दासा का है दास बीरा रे,
छेड्या वासक नाग है रे।।
बीरूडा कट जावे पण झुके नहीं वे,
रखे आदू रित भाई रे,
पडे पतंगा आग सु ए,
माने मौत ने मीत बीरा रे,
महाबली वाने मानजो,
ए बीरा म्हारा मद दृढ़ री देवजी,
कोई महादेव भेरूनाथ बीरा रे,
भगता सु डरता रया है,
तीन त्रिलोकी नाथ वाने,
प्रेम सु मारीया जसुमती रे।।
भाईडा अटल भरोसो देवजी को,
अटल उद्धव विशवास भाई रे,
देव देवी दिन रात रटे वे,
अविलंब पूरे आस भाईडा,
नमोः नारायण बोलजो ओ,
ए बीरा रे ‘करणीसुत’ आ,
कथा लिखी रे गा रयो दास ‘प्रकाश’,
बीरा रे महिमा भारी देवजी की,
किनसु कही न जाय,
बीरा बालक दोनो बावला रे।।
बीरूडा देव पत्री सुनी देवजी की,
कोई नारायण अवतार प्रभु जी,
आया गुर्जर आंगने,
कोई भूमि पर ले भार,
बीरा धर्म धुरी ने धारने,
हे धिन धिन भंवरा बाघ का,
कोई भोज सवाई लाल,
प्रभुजी कुंवर कहाया साडू का,
कोई पूर्ण जगत प्रतीपाल,
बीरूडा गौरव गुर्जर जात का रे।।
गायक – प्रकाश माली जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी।
(रायपुर जिला पाली राजस्थान)
9640557818