बोल बम बोल बम बोले जा,
किस्मत अपनी खोले जा,
ले कावड़ अपने हाथ में,
चल दर पे भोलेनाथ के,
बोंल बम बोंल बम बोलें जा,
किस्मत अपनी खोले जा।।
तर्ज – धीरे धीरे बोल कोई।
सावन की रुत आई मस्तानी,
रिमझिम रिमझिम बरस रहा पानी,
बाट तेरी मंदिर में देख रहा,
तेरा मालिक शिव औघड़दानी,
ना देर कर जल्दी से चल,
भक्तो को लेले साथ में,
चल दर पे भोले नाथ के,
बोंल बम बोंल बम बोलें जा,
किस्मत अपनी खोले जा।।
माना थोडा लम्बा रास्ता है,
तू क्यों उसकी चिंता करता है,
ध्यान तू धरले मन में भोले का,
पग पग तुझको वही संभालेगा,
कंकड़ मिले पत्थर मिले,
तो डरने की क्या बात है,
जब भोला अपने साथ है,
बोंल बम बोंल बम बोलें जा,
किस्मत अपनी खोले जा।।
कितना भोला अपना बाबा है,
भक्तो से ना मांगे ज्यादा है,
लोटे भर गंगा के पानी से,
खुश हो जाता औघड़दानी ये,
झोली भरे संकट हरे,
‘सोनू’ मन में विश्वाश है,
ये बाबा अपने साथ है,
बोंल बम बोंल बम बोलें जा,
किस्मत अपनी खोले जा।।
बोल बम बोल बम बोले जा,
किस्मत अपनी खोले जा,
ले कावड़ अपने हाथ में,
चल दर पे भोलेनाथ के,
बोंल बम बोंल बम बोलें जा,
किस्मत अपनी खोले जा।।
स्वर – सौरभ मधुकर।
Sivha charcha