चालो रे यारा श्री पुनरासर धाम,
बैठो है बठे राम भक्त हनुमान,
बोल सा जय बाबे री,
बोल सा जे बाबे री।।
तर्ज – चलो रे मन श्री वृन्दावन धाम।
मंगल भवन अमंगल हारी,
मंगल मूरत प्यारी है,
एक आसरो पुनरासर,
वो लाल लंगोटा धारी है,
मिटे है थारा उल्ज्योड़ा सब काम,
जपे है जय सियाराम जय जय राम,
बोल सा जे बाबे री,
बोल सा जे बाबे री।।
अजर अमर अविनशी जग में,
सांचो है बजरंग बाला,
पवन पुत्र श्री राम दूत,
सूरज सो तेज बजरंग बाला,
जगत मे उचो ज्यारो नाम,
जपे है जय सियाराम जय जय राम,
बोल सा जे बाबे री,
बोल सा जे बाबे री।।
मस्त महिनो भादवे रो,
मन में घणौ ही सुहावे रे,
बिकाणे रा भगत दीवाना,
जागण रोज जगावे रे,
घर घर रामचरित गुणगान,
जपे है जय सियाराम जय जय राम,
बोल सा जे बाबे री,
बोल सा जे बाबे री।।
पैदलीया रे रस्ते माही,
सेवा रा भण्डार भरे,
कन्हैया लाल जी री प्याऊ ऊपर,
बाबो थारी भली करे,
करले सेवा तू निस्काम,
जपे है जय सियाराम जय जय राम,
बोल सा जे बाबे री,
बोल सा जे बाबे री।।
चालो रे यारा श्री पुनरासर धाम,
बैठो है बठे राम भक्त हनुमान,
बोल सा जय बाबे री,
बोल सा जे बाबे री।।
लेखक / गायक – मनोज कुमार रंगा।
7823808687