बोल शिव की जयकार,
ठंडी ठंडी ये बरसे देख,
सावन की फुहार,
चल हरिद्वार,
बोल बम बम,
ओ भगता बोल बम बम,
बोल बम बम,
ओ भगता बोल बम बम।।
तर्ज – चल चला चल फकीरा।
भरके गंगाजल गंगा से,
कावड अपनी मे रखले,
ऊठा के कावड रख कन्धे पे,
नाम तु शिव का रे रट ले,
तेरा हो जाये उद्धार,
तेरी भोले सुनेंगे भगता,
करुण पुकार,
चल हरिद्वार,
बोल बम बम,
ओ भगता बोल बम बम,
बोल बम बम,
ओ भगता बोल बम बम।।
भोले भाले सीधे साधे,
भोले औघड़ मतवाले है,
भगतों को मुँह मागा वर ये,
पल मे देने वाले है,
जिनको पुजे संसार,
ब्रम्हा विष्णु भी पुजें ये है,
ऐसे लखदातार,
चल हरिद्वार,
बोल बम बम,
ओ भगता बोल बम बम,
बोल बम बम,
ओ भगता बोल बम बम।।
नाग देवता असुर गन्धर्व,
जिनका यूँ यश गाते है,
दुनिया से ठुकराये को शिव,
अपनी शरण लगाते है,
शीष गंगा की धार,
गाऐ महिमा ये तेरी,
तेरा ‘मोहित कुमार’,
चल हरिद्वार,
बोल बम बम,
ओ भगता बोल बम बम,
बोल बम बम,
ओ भगता बोल बम बम।।
बोल शिव की जयकार,
ठंडी ठंडी ये बरसे देख,
सावन की फुहार,
चल हरिद्वार,
बोल बम बम,
ओ भगता बोल बम बम,
बोल बम बम,
ओ भगता बोल बम बम।।
– भजन लेखक एवं प्रेषक –
कुमार मोहित शास्त्री
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