बुरो लगो चाहे नोनो जी,
एक दिन गोनो होनो जी,
लटो लगो चाहे नोनो जी,
एक दिन गोनो होनो जी।।
आए जी गौवा लौटत नईया,
लौटत नईया जी लौटत नईया,
चाहे कौनो देव सोनो जी,
एक दिन गोनो होनो जी।।
भीतर गोरी मांग सवारे,
मांग सवारे गोरी मांग सवारे,
और बाहर हो रहो रोनो जी,
एक दिन गोनो होनो जी।।
चार जने मिल खाट उठावे,
खाट उठावे जी खाट उठावे,
ले चल ले चल गोनो जी,
एक दिन गोनो होनो जी।।
कहत कबीर सुनो भाई साधु,
सुन भाई साधु सुनो भाई साधु,
सतगुरु साहेब ठिकानो जी,
एक दिन गोनो होनो जी।।
बुरो लगो चाहे नोनो जी,
एक दिन गोनो होनो जी,
लटो लगो चाहे नोनो जी,
एक दिन गोनो होनो जी।।
गायक – डॉ. श्याम सुन्दर पारासर जी।
प्रेषक – मनमोहन।
6268046938