सिद्ध कुंजिका स्तोत्र
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र, ।शिव उवाच। शृणु देवि प्रवक्ष्यामि, कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम्। येन मन्त्रप्रभावेण चण्डीजापः शुभो भवेत॥१॥ न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम्।...
Read moreसिद्ध कुंजिका स्तोत्र, ।शिव उवाच। शृणु देवि प्रवक्ष्यामि, कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम्। येन मन्त्रप्रभावेण चण्डीजापः शुभो भवेत॥१॥ न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम्।...
Read moreमन तेरा मंदिर आँखे दिया बाती, होंठो की हैं थालियां बोल फूल पाती, रोम रोम जिव्हा तेरा नाम पुकारती, आरती...
Read moreमैं तो आरती उतारूँ रे, श्री राधा रसिक बिहारी की, मेरे प्यारे निकुंज बिहारी की, प्यारे प्यारे श्री बाँके बिहारी...
Read moreजय जय पितर जी महाराज, मैं शरण पड़यों हूँ थारी, शरण पड़यो हूँ थारी देवा, रखियो लाज हमारी, जय जय...
Read moreजय भगवद् गीते, जय भगवद् गीते, हरि हिय कमल विहारिणि, सुन्दर सुपुनीते, जय भगवत गीते।। कर्म-सुमर्म-प्रकाशिनि, कामासक्तिहरा, तत्त्वज्ञान-विकाशिनि, विद्या ब्रह्म...
Read moreशिवमहिम्नः स्तोत्रं, गजाननं भूतगणादि सेवितं, कपित्थ जम्बूफलसार भक्षितम्, उमासुतं शोक विनाशकारणं, नमामि विघ्नेश्वर पादपङ्कजम्। श्री पुष्पदन्त उवाच -- महिम्नः पारं...
Read moreमैं आरती तेरी गाऊं, ओ अम्बे मात भवानी, मैं नित नित शीश नवाऊं, ओ दुर्गे माँ महारानी।। तर्ज - मैं...
Read moreदेवि सुरेश्वरि भगवति गंगे, त्रिभुवनतारिणि तरलतरंगे, शंकरमौलिविहारिणि विमले, मम मतिरास्तां तव पदकमले, देवि सुरेश्वरि भगवति गंगे।। भागीरथिसुखदायिनि मातस्तव, जलमहिमा निगमे...
Read moreहे गोपाल कृष्ण करूँ आरती तेरी, हे प्रिया पति मैं करूँ आरती तेरी, तुझपे ओ कान्हा बलि बलि जाऊं, सांझ...
Read moreसांवल सा गिरधारी, भला हो रामा सांवल सा गिरधारी, भरोसो भारी, हरी बिना मोरी, गोपाल बिना मोरी, सांवल सेठ बिना...
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