माता अम्बे मेरी माँ जगदम्बे मेरी आरती लिरिक्स
माता अम्बे मेरी, माँ जगदम्बे मेरी, आरती उतारे आज, हम सब तेरी।। देखे - ॐ जय अम्बे गौरी। पान सुपारी...
Read moreमाता अम्बे मेरी, माँ जगदम्बे मेरी, आरती उतारे आज, हम सब तेरी।। देखे - ॐ जय अम्बे गौरी। पान सुपारी...
Read moreश्री गणेश चालीसा लिरिक्स, दोहा - जय गणपति सदगुणसदन, कविवर बदन कृपाल, विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजा लाल।।...
Read moreश्री लड्डू गोपाल चालीसा, दोहा - बाल रूप में शोभित हैं, श्री लड्डू गोपाल, जो जन नित सेवा करें, मिटे...
Read moreहो रही तेरी आरती, मिनावाड़ा की दशा माँ।। है जग जननी माँ कल्याणी, करे आरती भक्त तुम्हारी, द्वार तुम्हारे उतारे...
Read moreश्री केशव चालीसा, दोहा - पात पात में केशव जी, हर पल केशव दास, शिला रूप जगन्नाथ जी, दो श्री...
Read moreआरती बालकृष्ण की कीजे, अपनो जन्म सफल कर लीजे, आरती बाल कृष्ण की कीजे।। ये भी देखें - श्यामा तेरी...
Read moreजानकी स्तुति, जानकी स्तुति लिरिक्स, भई प्रगट कुमारी भूमि विदारी, जनहितकारि भयहारी, अतुलित छबि भारी मुनि मनहारी, जनकदुलारी सुकुमारी।। सुन्दर...
Read moreआरती हो रही है, बाबा जी थारी, मोरछड़ी लहराए।। कौन उतारे बाबा तोरी रे आरती, कुन थारे चँवर ढुलाई, बाबा...
Read moreभोर भई दिन, चढ़ गयो म्हारा बाबा, हो रही जय जयकार, मंदिर मा, आरती लखदातार की, आरती लखदातार कीं।। तर्ज...
Read moreॐ जय लव कुश देवा, ॐ जय लव कुश देवा, आरती भगत उतारें, संत करें सेवा।। तर्ज - ॐ जय...
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