आरती श्री हरि घट घट वासी श्री सच्चिदानंद सुखराशि लिरिक्स
आरती श्री हरि घट घट वासी, श्री सच्चिदानंद सुखराशि।। पुरुषोत्तम नारायण स्वामी, करुणानिधि प्रभु अंतरयामी, कमलापति श्री विष्णु नमामि, मंगलमय...
Read moreआरती श्री हरि घट घट वासी, श्री सच्चिदानंद सुखराशि।। पुरुषोत्तम नारायण स्वामी, करुणानिधि प्रभु अंतरयामी, कमलापति श्री विष्णु नमामि, मंगलमय...
Read moreआरती सुन्दरकाण्ड की कीजे, श्री पंचम सौपान की कीजे, आरती सुंदरकाण्ड की कीजे।। सरल श्लोक दोहा चौपाई, गावत सुनत लगत...
Read moreओम जय जय जय गिरिराज, स्वामी जय जय गिरिराज, संकट में तुम राखो, संकट में तुम राखो, निज भक्तन की...
Read moreओम जय धन्वंतरि देवा, स्वामी जय धन्वंतरि देवा, जरा रोग से पीड़ित, जन जन सुख देवा, ॐ जय धन्वंतरि देवा।।...
Read moreॐ जय तुलसी माता, मैया जय तुलसी माता, सब जग की सुख दाता, तुम ही वर दाता, ओम जय तुलसी...
Read moreनमस्कार देवी जयंती महारानी, श्री मंगला काली दुर्गा भवानी, कपालनी और भद्रकाली क्षमा माँ, शिवा धात्री श्री स्वाहा रमा माँ,...
Read moreजय जय जनक सुनन्दिनी, हरि वन्दिनी हे, दुष्ट निकंदिनि मात, जय जय विष्णु प्रिये।। सकल मनोरथ दायनी, जग सोहिनी हे,...
Read moreमहिषासुरमर्दिनी स्तोत्रम, अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते, गिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते। भगवति हे शितिकण्ठकुटुम्बिनि भूरिकुटुम्बिनि भूरिकृते, जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि...
Read moreदादा गुरुदेव की आरती, ओम जय जय गुरुदेवा, दादा जी जय गुरुदेवा, आरती मंगल मेवा, आनंद सुख लेवा, ओम जय...
Read moreसिया रघुवर जी की आरती, शुभ आरती कीजे।। शीश मुकुट काने कुण्डल सोहे , राम लखन सिया जानकी, शुभ आरती...
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