आरती उतार लो सीता रघुवर जी की लिरिक्स
आरती उतार लो, सीता रघुवर जी की, लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न के संग, पवन तनय जी की, आरती उतार लों, सीता...
Read moreDetailsआरती उतार लो, सीता रघुवर जी की, लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न के संग, पवन तनय जी की, आरती उतार लों, सीता...
Read moreDetailsश्री कोटड़ी श्याम चारभुजा चालीसा लिरिक्स, दोहा - छैल छबीले श्याम की, शोभा बड़ी अनूप, रूप राशी वे गुण सदन,...
Read moreDetailsशिव पंचाक्षर स्तोत्र, नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय, भस्माङ्गरागाय महेश्वराय, नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय, तस्मै नकाराय नम: शिवाय।। मन्दाकिनीसलिलचन्दनचर्चिताय, नन्दीश्वरप्रमथनाथमहेश्वराय, मन्दारपुष्पबहुपुष्पसुपूजिताय, तस्मै मकाराय नम:...
Read moreDetailsजय डमरूधर नयन विशाला, दोहा - श्री भैरव संकट हरन, मंगल करन कृपालु, करहु दया निज दास पे, निशि दिन...
Read moreDetailsमात श्री राणीसती जी मेरी, कष्ट कर दूर भक्त के री।। पाय मैं पडूँ मात थारे, क्षमा कर चूक भयी...
Read moreDetailsश्री श्याम चालीसा, दोहा - श्री गुरु चरण ध्यान धर, सुमीर सच्चिदानंद, श्याम चालीसा बणत है, रच चौपाई छंद। श्याम...
Read moreDetailsॐ जय श्री ओम बन्ना, ॐ जय श्री ओंम बन्ना, आरती री वेला पधारो, आरती री वेला पधारो, भक्त उडिके...
Read moreDetailsअधरधर मुरली बजैया की, आरती कृष्ण कन्हैया की।। कृष्ण तुम मथुरा जन्म लियो, नन्द घर मंगलाचार कियो, यशोदा गोद खिलैया...
Read moreDetailsआरती लेकर खड़ा हुआ, दरबार तेरे भोले बाबा, मुझ गरीब की आरती, स्वीकारो भोले बाबा।। धन होता तो धन लेकर,...
Read moreDetailsआरती मंगलकारी की, पवनसुत अति बलधारी की।। तर्ज - आरती कुञ्ज बिहारी की। गले में तुलसी की माला, बजावें मृदंग...
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