बहुत दिन से तारीफ़ सुनकर तुम्हारी
बहुत दिन से तारीफ़, सुनकर तुम्हारी, शरण आ गया, श्यामसुन्दर तुम्हारी।। जो अब टाल दोगे, मुझे अपने दर से, तो...
Read moreDetailsबहुत दिन से तारीफ़, सुनकर तुम्हारी, शरण आ गया, श्यामसुन्दर तुम्हारी।। जो अब टाल दोगे, मुझे अपने दर से, तो...
Read moreDetailsतेरी हीरा जैसी स्वांसा, बातों में बीती जाए रे, मन राम कृष्ण बोल रे, मन राम कृष्ण बोल।। गंगा यमुना...
Read moreDetailsरे मन मूर्ख कब तक जग में, जीवन व्यर्थ बिताएगा, राम नाम नहीं गाएगा तो, अंत समय पछताएगा।। जिस जग...
Read moreDetailsये झगड़ा है मोहन, हमारा तुम्हारा, की अब क्या हुआ बल, वो सारा तुम्हारा।। देखे - दशा मुझ दीन की।...
Read moreDetailsरे मन प्रति स्वांस पुकार यही, जय राम हरे घनश्याम हरे, तन नौका की पतवार यही, जय राम हरे घनश्याम...
Read moreDetailsना यूँ घनश्याम तुमको दुःख से, घबरा कर के छोडूंगा, जो छोडूंगा तो कुछ मैं भी, तमाशा कर के छोडूंगा,...
Read moreDetailsना जाने कौन से गुण पर, दयानिधि रीझ जाते है। दोहा - प्रबल प्रेम के पाले पड़कर, प्रभु को नियम...
Read moreDetailsमुझ पर भी दया की कर दो नज़र, ऐ श्याम सुंदर ऐ मुरलीधर, कुछ दीनों के दुःख की लेलो खबर,...
Read moreDetailsना तो रूप है ना तो रंग है, ना तो गुणों की कोई खान है, फिर श्याम कैसे शरण में...
Read moreDetailsहे नाथ दयावानों के, सिरमौर बता दो, छोडूँ मैं भला आपको, किस तौर बता दो।। हाँ शर्त ये कर लो,...
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