क्या वह स्वभाव पहला सरकार अब नहीं है भजन लिरिक्स
क्या वह स्वभाव पहला, सरकार अब नहीं है, दीनों के वास्ते क्या, दरबार अब नहीं है।। या तो दयालु मेरी,...
Read moreDetailsक्या वह स्वभाव पहला, सरकार अब नहीं है, दीनों के वास्ते क्या, दरबार अब नहीं है।। या तो दयालु मेरी,...
Read moreDetailsभक्त बनता हूँ मगर, अधमों का हूँ सरताज भी, देखकर पाखंड मेरा, हंस पड़े ब्रजराज भी।। कौन मुझसे बढकर पापी,...
Read moreDetailsमेरा यार यशोदा, कुँवर हो चुका है, वो दिल हो चुका है, जिगर हो चुका है, मेरा यार यशोंदा, कुँवर...
Read moreDetailsतुमने घनश्याम, अधीनों को तारा होगा, तो कभी हमें भी तारने, का सहारा होगा।। हम जो मशहूर हैं पापी, तो...
Read moreDetailsगजब का दावा है पापियों का, अजीब जिद पर संभल रहे हैं, उन्हीं से झगड़े पर तुल रहे हैं, जिनसे...
Read moreDetailsदिल तो प्यारा है, मगर दिल से प्यारा तू है, पर गजब ये है कि, इस दिल में भी न्यारा...
Read moreDetailsएक अर्ज मेरी सुन लो, दिलदार हे कन्हैया, कर दो अधम कि नैया, कर दो अधम कि नैया, भव पार...
Read moreDetailsयदि नाथ का नाम दयानिधि है, तो दया भी करेंगे कभी ना कभी, दुखहारी हरी, दुखिया जन के, दुख क्लेश...
Read moreDetailsजो श्याम पर फिदा हो, उस तन को ढूंढते है, घर श्याम का हो जिसमे, उस मन को ढूंढते हैं।।...
Read moreDetailsघनश्याम तुझे ढूँढने, जाए कहाँ कहाँ, अपने विरह की आग, अपने विरह की आग, बुझाए कहाँ कहाँ, घनश्याम तुम्हे ढूँढने,...
Read moreDetails© 2024 Bhajan Diary