मुझे क्या काम दुनिया से विरह में मैं दीवाना हूँ
मुझे क्या काम दुनिया से, विरह में मैं दीवाना हूँ।। तर्ज - मुझे है काम ईश्वर से। प्यारे की खोज...
Read moreमुझे क्या काम दुनिया से, विरह में मैं दीवाना हूँ।। तर्ज - मुझे है काम ईश्वर से। प्यारे की खोज...
Read moreपिया मिलन के काज आज, जोगन बन जाउंगी।। राग - दरबारी। हार श्रृंगार छोड़कर सारे, अंग बिभूत रमाऊँगी, सिंगी सेली...
Read moreजय शंकर कैलाशपति शिव, पूरण ब्रम्ह सदा अविनाशी, पूरण ब्रम्ह सदा अविनाशी, जय शंकर कैलाश पति शिव।। अंग विभूति गले...
Read moreजिंदगी सुधार बंदा, यही तेरो काम है।। मानुष की देह पाई, हरि से ना प्रीत लाई, विषयों के जाल माही,...
Read moreशंकर तेरी जटा में, बहती है गंग धारा, काली घटा के अंदर, जिम दामिनी उजारा, भोले तेरी जटा में, बहती...
Read moreचलो चलो सखी अब जाना, हरि भेज दिया परवाना।। एक दूत जबर चल आया, सब लश्कर लाव मंगाया, किया बीच...
Read moreकरो हरि का भजन प्यारे, उमरिया बीती जाती है।। तर्ज - दशा मुझे दीन की। पूरब शुभ कर्म कर आया,...
Read moreमुसाफिर जागते रहना, नगर में चोर आते है, जरा सी नींद गफलत में, झपट गठरी उठाते है, मुसाफिर जागतें रहना,...
Read moreऐसी करी गुरुदेव दया, मेरे मोह का बन्धन तोड़ दिया।। दौड़ रहा दिन रात सदा, जग के सब कार बिहारन...
Read moreजतन कर आपणा प्यारे, कर्म की आस नहीं कीजे।। मानुस की देह है गुणकारी, अक्ल पशुओं से है न्यारी, वो...
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