जीवन चार दिनों का मेला भजन लिरिक्स
जीवन चार दिनों का मेला, साथी सखा कोई चले ना, माया भी तेरे साथ रहे ना, उड़ जाए हँस अकेला,...
Read moreजीवन चार दिनों का मेला, साथी सखा कोई चले ना, माया भी तेरे साथ रहे ना, उड़ जाए हँस अकेला,...
Read moreकरता है आदमी जो, ये बातें बड़ी बड़ी, कब टूट जाए क्या पता, साँसों की ये लड़ी, करता हैं आदमी...
Read moreजनम जिस दिन हुआ समझो, कभी तो मौत भी होगी, सुबह होने से पहले तय, है आगे रात भी होगी,...
Read moreना कर मान बंदेया, एक दिन मिट्टी में मिल जाना।। मिट्टी बिछा ले मिट्टी ओढ़ ले, मिट्टी का बना ले...
Read moreकहावत कर देती अहसास, इस ज़माने को, समय कर देता है मोहताज, दाने दाने को।। तर्ज - कोई पत्थर से...
Read moreउलझ मत दिल बहारों में, बहारों का भरोसा क्या, बहारों का भरोसा क्या, बहारों का भरोसा क्या, सहारे छुट जाते...
Read moreरंग महल के, दस दरवाजे तोड़ के, पंछी तो उड़ गया, पिंजरा को छोड़ के।। तर्ज - कागा तो उड़...
Read moreभजन के बिना तूने, ये जीवन गंवाया, कभी ये ना सोचा कि, इस जग में आकर, क्या तूने खोया, क्या...
Read moreहुई मतलबी है आज दुनिया, किसी का कोई सगा नहीं है, हुए है अपनों से लोग आहत, हुए है अपनों...
Read moreभज ले प्राणी रे अज्ञानी, दो दिन की जिंदगानी, वृथा क्यों भटक रहा है, वृथा क्यों भटक रहा है, झूठी...
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