मैं हूँ शरण में तेरी संसार के रचैया भजन लिरिक्स
मैं हूँ शरण में तेरी संसार के रचैया, कश्ती मेरी लगा दो उसपार ओ कन्हैया।। तर्ज - मैं ढूढ़ता हूँ...
Read moreDetailsमैं हूँ शरण में तेरी संसार के रचैया, कश्ती मेरी लगा दो उसपार ओ कन्हैया।। तर्ज - मैं ढूढ़ता हूँ...
Read moreDetailsबड़े मान से जमाना, माँ तुमको पूजता है। श्लोक – जयंती मंगला काली, भद्र काली कपालिनी, दुर्गा क्षमा शिवाधात्री, स्वाहा...
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