सोऐ को सँत जगाऐ फिर नीँद न उसको आऐ
सोऐ को सँत जगाऐ, फिर नीँद न उसको आऐ, जो जाग के फिर सो जाऐ, उसे कोन जगाऐ, हो उसे...
Read moreDetailsसोऐ को सँत जगाऐ, फिर नीँद न उसको आऐ, जो जाग के फिर सो जाऐ, उसे कोन जगाऐ, हो उसे...
Read moreDetailsपल पल में यह जीवन जाए हाय, बृथा की बातो में, इस पल को काहे तू खोए, बृथा की बातो...
Read moreDetailsऐ मेरे मन अभिमानी, क्यो करता है नादानी। तर्ज - ऐ मेरे वतन के लोगो। शेर- है तेरे भजन की बैरा,...
Read moreDetailsकई मर्तबा हम, मर चुके है ओ मन, मगर अब तो, आओ गुरू की शरण, मगर अब तो आओ, गुरू...
Read moreDetailsभजले नाम गुरू का रे मनवा, बीत रही है स्वाँसा, रात गई सुबहा आएगी, आए न तेरी स्वाँसा।। तर्ज -...
Read moreDetailsकर भले ही तू जगत में, प्राणी सब करम, छूटे ना भजन, कभी छूट ना भजन।। तर्ज - करवटे बदलते...
Read moreDetailsहरि नाम सुमरले बन्दे, जीवन को सफल बनाले, कट जाएंगे सारे बँधन, गुरू चरणो मे मन को लगाले, हरि नाम...
Read moreDetailsगुरूदेव चले आना, एक बार चले आना, मुझ दीनन को दाता मेरे, एक पल को न बिसराना, गुरूदेव चलें आना,...
Read moreDetailsमाटी के पुतले रे, तेरा अपना यहाँ नहीं कोय, तेरा अपना यहाँ नहीं कोय, सतगुरु ने कितना समझाया, अब काहे...
Read moreDetailsहरि भजने पे तन ये पाओगे, बचना चाहे तो बचले रे प्राणी, वर्ना चौरासी में तो जाओगे, हरि भजने पे...
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