कई मर्तबा हम मर चुके है ओ मन
कई मर्तबा हम, मर चुके है ओ मन, मगर अब तो, आओ गुरू की शरण, मगर अब तो आओ, गुरू...
Read moreकई मर्तबा हम, मर चुके है ओ मन, मगर अब तो, आओ गुरू की शरण, मगर अब तो आओ, गुरू...
Read moreभजले नाम गुरू का रे मनवा, बीत रही है स्वाँसा, रात गई सुबहा आएगी, आए न तेरी स्वाँसा।। तर्ज -...
Read moreकर भले ही तू जगत में, प्राणी सब करम, छूटे ना भजन, कभी छूट ना भजन।। तर्ज - करवटे बदलते...
Read moreहरि नाम सुमरले बन्दे, जीवन को सफल बनाले, कट जाएंगे सारे बँधन, गुरू चरणो मे मन को लगाले, हरि नाम...
Read moreगुरूदेव चले आना, एक बार चले आना, मुझ दीनन को दाता मेरे, एक पल को न बिसराना, गुरूदेव चलें आना,...
Read moreमाटी के पुतले रे, तेरा अपना यहाँ नहीं कोय, तेरा अपना यहाँ नहीं कोय, सतगुरु ने कितना समझाया, अब काहे...
Read moreहरि भजने पे तन ये पाओगे, बचना चाहे तो बचले रे प्राणी, वर्ना चौरासी में तो जाओगे, हरि भजने पे...
Read moreखो दिया हीरा रे, प्राणी तूने बैकार मे, खो दिया हीरा रे।। तर्ज - झुमका गिरा रे। भेजा था गुरू...
Read moreअरे प्राणिऐ तूने, कहना गुरू का न माना, पड़े पछिताना तुझे पड़े पछिताना, अरे प्राणिऐ तुने, कहना गुरू का न...
Read moreतू ले ले रे जो भी लेना है, दुनिया का खुला बाजार है ये, हर चीज मिलेगी तुझको यहाँ, दो...
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