चार दिन का डेरा प्राणी जग में हमारा भजन लिरिक्स
चार दिन का डेरा प्राणी, जग में हमारा। तर्ज - चाँद जैसे मुखड़े पे। दोहा - गुरु मूरत गति चँद्रमा,...
Read moreचार दिन का डेरा प्राणी, जग में हमारा। तर्ज - चाँद जैसे मुखड़े पे। दोहा - गुरु मूरत गति चँद्रमा,...
Read moreप्रभू मेरे आँगन भी, आना कभी, हो जो निकलना मेरी, गली से कभी।। तर्ज - कभी तेरा दामन न। पूजा...
Read moreयहाँ हालचाल जानन को कोई, आएगा ना तेरा, तू छोड़ दे मेरा मेरा, तू छोड़ दे मेरा मेरा, यहाँ धोखा...
Read moreस्वाँस बीती जाए, उमर बीती जाए, काहे मन तेरी, समझ नही आए।। तर्ज - मार दिया जाए। ढूढै सतसँग मे...
Read moreमिलती है जिन्दगी ये, हम सबको कभी कभी, है मोक्ष का ये साधन, तू करले जतन यदि, मिलती हैं जिन्दगी...
Read moreतेरी गाऊँ ऐ सतगुरू, महिमा मै क्या, मै हूँ भटका हुआ, एक दास तेरा, कुछ कहूँ है कहाँ, ये मजाल...
Read moreगुरू दयालू होते है, बड़े भोले होते है, मिली गुरू की शरण वो, किस्मत वाले होते है।। तर्ज - प्यार...
Read moreतू हरि को ना भजेगा, भव कैसे पार होगा, भव कैसे भव कैसे, भव कैसे पार होगा, तू हरि को...
Read moreतेरे चरणो मे डेरा डाल दिया है, डाल दिया है, तेरी आए शरण कर दो मैहर, तेरे चरणो मे डेरा...
Read moreसतगुरु कर दो जी मैहर, नैया भव से जाए तर, तेरी लम्बी है डगरिया, मेरी छोटी सी उमर।। तर्ज -...
Read more© 2024 Bhajan Diary