बँदगी दुख तमाम हरती है भजन लिरिक्स
बँदगी दुख तमाम हरती है, ओषधी का काम, ओषधी का काम करती है, बँदगी दुख तमाम हरती है।। तर्ज -...
Read moreDetailsबँदगी दुख तमाम हरती है, ओषधी का काम, ओषधी का काम करती है, बँदगी दुख तमाम हरती है।। तर्ज -...
Read moreDetailsतेरे निशदिन जल में लेकिन, फिर भी है मीन पियासी, फिर भी है मीन पियासी।। तर्ज - मैरे नैना सावन...
Read moreDetailsचार दिन का डेरा प्राणी, जग में हमारा। तर्ज - चाँद जैसे मुखड़े पे। दोहा - गुरु मूरत गति चँद्रमा,...
Read moreDetailsप्रभू मेरे आँगन भी, आना कभी, हो जो निकलना मेरी, गली से कभी।। तर्ज - कभी तेरा दामन न। पूजा...
Read moreDetailsयहाँ हालचाल जानन को कोई, आएगा ना तेरा, तू छोड़ दे मेरा मेरा, तू छोड़ दे मेरा मेरा, यहाँ धोखा...
Read moreDetailsस्वाँस बीती जाए, उमर बीती जाए, काहे मन तेरी, समझ नही आए।। तर्ज - मार दिया जाए। ढूढै सतसँग मे...
Read moreDetailsमिलती है जिन्दगी ये, हम सबको कभी कभी, है मोक्ष का ये साधन, तू करले जतन यदि, मिलती हैं जिन्दगी...
Read moreDetailsतेरी गाऊँ ऐ सतगुरू, महिमा मै क्या, मै हूँ भटका हुआ, एक दास तेरा, कुछ कहूँ है कहाँ, ये मजाल...
Read moreDetailsगुरू दयालू होते है, बड़े भोले होते है, मिली गुरू की शरण वो, किस्मत वाले होते है।। तर्ज - प्यार...
Read moreDetailsतू हरि को ना भजेगा, भव कैसे पार होगा, भव कैसे भव कैसे, भव कैसे पार होगा, तू हरि को...
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