स्वर्ण पर्वताकार शरीरा श्री हनुमान कहावे लिरिक्स
स्वर्ण पर्वताकार शरीरा, श्री हनुमान कहावे, सालासर के स्वर्ण कलश पर, लाल ध्वजा लहराये।। सालासर में सोना बरसे, जब चाहे...
Read moreस्वर्ण पर्वताकार शरीरा, श्री हनुमान कहावे, सालासर के स्वर्ण कलश पर, लाल ध्वजा लहराये।। सालासर में सोना बरसे, जब चाहे...
Read moreहृदय में जिनके, बसते सीताराम है, वो भक्त शिरोमणि, पवनपुत्र हनुमान है, भक्तों में भक्त हनुमान जी, सबसे महान है,...
Read moreश्रीराम के सेवक इनकी, महिमा अपरंपार, मेरे बालाजी सरकार, तेरी हो रही जय जयकार, कलयुग में कोई देव न दूजा,...
Read moreलाल लंगोटे वाला, भक्तों का रखवाला, हम तेरी शरण है आए, कर दो दया दर्शन की तो, फिर जीवन सफल...
Read moreराम की मुंदरी लाये जब हनुमान, सीता मात गई पहचान, लंका जाय सिया सुधि लाये, पवन पुत्र हनुमान, सीता मात...
Read moreसालासर हनुमान जी, म्हारा संकट आज मिटा दो जी, म्हें भी थारी शरण में आया, बेड़ा पार लगा दो जी।।...
Read moreक्या पाया क्या छोड़ा, दोहा - हनुमान तेरी कृपा का, भंडारा चल रहा है, हर ओर घना अँधेरा, मेरा दीप...
Read moreसिंदूरी चोलो, बजरंग बाला के लागे सोवणो, बजरंग बाला के लागे सोवणो, सिंदुरी चोलो, बजरंग बाला के लागे सोवणो।। अंजनी...
Read moreहनुमत की पूंछ ने, कमाल कियो रे, बड़ी बड़ी पूछ वालों को, बेहाल किया रे, बड़ी बड़ी पूछ वालों को,...
Read moreजलाई जलाई जलाई, एक वानर ने लंका जलाई, जलाई जलाई जलाई, बजरंगी ने लंका जलाई, कूदे वो डाली डाली, कर...
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