इक काँधे पे लखन विराजे दूजे पर रघुवीर भजन लिरिक्स
इक काँधे पे लखन विराजे दूजे पर रघुवीर, वीर बलि महावीर हरी तुमने भक्तों की पीर, सिया राम के भजन...
Read moreDetailsइक काँधे पे लखन विराजे दूजे पर रघुवीर, वीर बलि महावीर हरी तुमने भक्तों की पीर, सिया राम के भजन...
Read moreDetailsओ लाल लंगोटे वाले, प्रभु तेरे रूप निराले, तेरी मूरत मन को भाये, सिंदूरी श्रंगार पे बाबा, हम सब बलि...
Read moreDetailsजय हो पवनकुमार तोरी शक्ति है अपार, हे बजरंगबली विनती सुनले ले हमार, सुनले ले हमार, विनती सुनले ले हमार,...
Read moreDetailsआज मंगलवार है, महावीर का वार है, ये सच्चा दरबार है, सच्चे मन से जो कोई ध्यावे, उसका बेड़ा पार...
Read moreDetailsबजरंगबली किरपा करके, तुम मुझे बसा लो चरणन में।। तर्ज - कान्हा आन बसों। तेरे दर्शन की अभिलाषा है, ये...
Read moreDetailsहे मारुती सारी राम कथा का, सार तुम्हारी आँखों में, हे मारुती सारी रामकथा का, सार तुम्हारी आँखों में, दुनिया...
Read moreDetailsकाम होगा वही जिसे चाहोगे राम, अपने स्वामी को, अपने स्वामी को सेवक क्या समझाएगा।। सागर में तेर रहे पत्थर...
Read moreDetailsबजरंग बलि मेरी नाव चली, मेरी नाव को पार लगा देना, मुझे माया मोह ने घेर लिया, संताप ह्रदय का...
Read moreDetailsअंजनी के लाल हो तुम, भक्त हो सियाराम के, ऐसे हो तुम दाता दयालु, जग के पालन हार हो, अंजनी...
Read moreDetailsरघुवर का सेवक पुराना लगता है, हमको तो ये राम दिवाना लगता है, ज्यादा ना देखो नजर लग जायेगी, किर्तन...
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