कुण जाणे या माया श्याम की अजब निराली रे भजन लिरिक्स
कुण जाणे या माया श्याम की, अजब निराली रे, तिरलोकी को नाथ जाट को, बण गयो हाळी रे।। सौ बीघा...
Read moreDetailsकुण जाणे या माया श्याम की, अजब निराली रे, तिरलोकी को नाथ जाट को, बण गयो हाळी रे।। सौ बीघा...
Read moreDetailsबता मेरे यार सुदामा रे, भाई घणे दीना में आया।। बालक था रे जब आया करता, रोज खेल के जाया...
Read moreDetailsबाबा का दरबार सुहाना लगता है, तर्ज - दूल्हे का सेहरा सुहाना लगता है बाबा का दरबार सुहाना लगता है,...
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