मन वच और काया से क्षमा याचना कर लेना
मन वच और काया से, क्षमा याचना कर लेना, बेर भाव जो मन में हो, उसे दिल मिटा देना।। तर्ज...
Read moreमन वच और काया से, क्षमा याचना कर लेना, बेर भाव जो मन में हो, उसे दिल मिटा देना।। तर्ज...
Read moreमेरा तन मेरा मन, ये मेरा जीवन, सब कुछ भैरव देव तुम्ही से है, बरसी है महर, डाली तूने जो...
Read moreपर्व पर्युषण आया है, घर घर में खुशियां लाया है, पर्वो का राजा कहलाये, हम जैनो ने ये पाया है।।...
Read moreपर्व पर्युषण द्वार पे आये, अंतर मन से वधाओं रे, श्रद्धा भक्ति प्रेम सहित, ये पर्व पर्युषण मनाओ रे, पर्व...
Read moreसंवत्सरी का शुभ दिन है ये, आओ करले क्षमापना, मैत्री भाव की भावना रखकर, करो खमत खामणा, दिल में हो...
Read moreपर्वो में पर्युषण, हम जैनो की शान, धर्म ध्यान और क्षमादान का, पर्व ये बड़ा महान, श्वेताम्बर दिगम्बर हो, करते...
Read moreयारा करलो अब तैयारी, हमें नाकोड़ा जाणा है, नाकोड़ा के पार्श्व भैरव से, प्रेम बढ़ाना है, हो यारा करलो अब।।...
Read moreहौले हौले दुनिया से मैं, दूर जा रहा हूँ, तुझसे मिलने दादा मैं, नाकोड़ा आ रहा हूँ।। स्वर्ग से सुन्दर,...
Read moreभैरव देवा भक्ति की हमको, लगन ये ऐसी लागी, जगमग जगमग ज्योत ये मेरे, मन मन्दिर में जागी, तेरी कृपा...
Read moreनाकोड़ा भैरव मेरे, खाली न जाऊँगी दादा तेरे दर से, लेकर उम्मीदे आई हूँ में घर से, छोडूँगी ना तोरी...
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