कान्हा कूद पढ्यो रे जमुना में मनीष तिवारी भजन लिरिक्स
कान्हा कूद पढ्यो रे जमुना में, रे कान्हा कूद पढ्यो रे जमुना में, कालिया नाग खदेड़ियायो, आ रा रा रा...
Read moreकान्हा कूद पढ्यो रे जमुना में, रे कान्हा कूद पढ्यो रे जमुना में, कालिया नाग खदेड़ियायो, आ रा रा रा...
Read moreसखी री बाँके बिहारी से, हमारी लड़ गयी अंखियाँ, बचायी थी बहुत लेकिन, हाँ बचायी थी बहुत लेकिन, निगोड़ी लड़...
Read moreनजर भर देख ले मुझको, शरण में तेरी आया हूँ।। कोई माता पिता बंधू, सहायक है नहीं मेरा, सहायक है...
Read moreकृष्ण घर नन्द के जन्मे, दुलारा हो तो ऐसा हो, लोग दर्शन चले आये, सितारा हो तो ऐसा हो।। बकासुर...
Read moreआओगे जब तुम ओ साँवरे, तर्ज - आओगे जब तुम साजना। आओगे जब तुम ओ साँवरे, दिल के द्वार खुलेंगे,...
Read moreतेरा दीदार क्यो नही होता, मुझपे उपकार क्यो नही होता, तेरी रहमत की चार बूँदो का, दास हक़दार क्यो नही...
Read moreकाला पण घणा रुपाला सा, मंडपिया वाला श्याम, मंडपिया वाला श्याम म्हारा, ओ मुरली वाला श्याम सा, मंडपिया वाला श्याम...
Read moreम्हारा द्वारिका रा नाथ, सुणलो भक्ता री पुकार, क्यों नी आयो रे, क्यों नी आयो रे, श्याम रे Šss, श्याम रे...
Read moreतृष्णा ना जाये मन से, दोहा - मथुरा वृन्दावन सघन, और यमुना के तीर, धन्य धन्य माटी सुघर, धन्य कालिंदी...
Read moreमोहे बांके बिहारी से काम, जगत से क्या लेना, क्या लेना हाय क्या लेना, मेरे दिल में बसे घनश्याम, जगत...
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