दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी अँखियाँ प्यासी रे लिरिक्स
दर्शन दो घनश्याम नाथ, मोरी अँखियाँ प्यासी रे, मन मंदिर की ज्योत जगा दो, घट घट वासी रे, दर्शन दों...
Read moreदर्शन दो घनश्याम नाथ, मोरी अँखियाँ प्यासी रे, मन मंदिर की ज्योत जगा दो, घट घट वासी रे, दर्शन दों...
Read moreमीठी मीठी बाताँ करके, चंद मुलाकाता करके, दिलासा दे गयो री, दील मेरा कान्हा ले गयो ले गयो री॥॥ तर्ज...
Read moreसबसे ऊंची प्रेम सगाई, सबसे ऊंची प्रेम सगाई।। दुर्योधन के मेवा त्याग्यो, साग विदुर घर खाई। सबसे ऊंची प्रेम सगाई।।...
Read moreमैं नहिं माखन खायो मैया मोरी, मैया मोरी मैं नहिं माखन खायो।। भोर भयो गैयन के पाछे, मधुवन मोहिं पठायो,...
Read moreहरी दर्शन की प्यासी अखियाँ अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी।। देखियो चाहत कमल नैन को, निसदिन रहेत उदासी, अखियाँ हरी...
Read moreअवगुण चित ना धरो प्रभु मेरे, अवगुण चित ना धरो, समदर्शी प्रभु नाम तिहारो, चाहो तो पार करो।। एक लोहा...
Read moreजनम तेरा बातों ही बीत गयो, रे तुने कबहू ना कृष्ण कहो।। पाँच बरस को भोला भाला, अब तो बीस...
Read moreकान्हा तुम्हारे प्यार ने, जीना सीखा दिया है, हमको तुम्हारे प्यार ने, इन्सां बना दिया है।। रहते है जलवे आपके,...
Read moreकन्हैया ओ कन्हैया, कोई मुरली की तान सुना दे, मेरे तन मन मे आग लगा दे लगा दे ॥॥ मै...
Read moreजाने क्या रंग चढ़ा तेरा मेरे तन मन पे, मै फिरू श्याम तेरे नाम की जोगन बनके॥॥ श्लोक - सांस आती...
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