छाई सावन की घटा कांधे पे कांवड़ उठा लख्खा जी भजन लिरिक्स
छाई सावन की घटा, कांधे पे कांवड़ उठा, ध्यान चरणों में लगा, चल शिव के द्वारे।। तर्ज - जब चली...
Read moreछाई सावन की घटा, कांधे पे कांवड़ उठा, ध्यान चरणों में लगा, चल शिव के द्वारे।। तर्ज - जब चली...
Read moreभोले शंकर की शरण में आ, जीवन तेरा ये संवर जायेगा, भव सागर में जो अटकेगा, वो बेडा पार उतर...
Read moreप्रभु इतना ध्यान देना, जब अंत समय आये, भोले इतना ध्यान देना, जब अंत समय आये, ओ भोले इतना ध्यान...
Read moreओ डमरू वाले, जीवन है तेरे हवाले, मैं पापी हो जाऊँ पावन, चरणों में जो बिठा ले, ओ डमरू वाले,...
Read moreशिव नाम जपने की रात आई, रात आई रे शिव रात आई, शिवरात्रि आई।। तर्ज - आधा है चन्द्रमा रात...
Read moreरहने दो भोले हमे चरणों की छाँव में, अपने भजन में लगाए रखना, भोले जी, भोले जी, रहने दो बाबा...
Read moreगंग बरसे भीजे औघड़दानी, गंग बरसे, हे गंग बरसे भीजे औघ-ड़दानी, गंग बरसे।। तर्ज - रंग बरसे भीजे चुनर वाली।...
Read moreचंदा सा मुखड़ा ब्राइट, मस्तक पे मून लाइट। तर्ज - ये पर्दा हटा दो श्लोक - नाग विराजे गले में...
Read moreबाबा बेगो बेगो आजा रे, कांवड़ लेके चाल थाका, पगल्या दुखे रे, ओ बाबा बेगो बेगो आजा रे, कांवड़ लेके...
Read moreभोले के चरणों में, ध्यान अपना लगा ले, सुखदाई है ये नाम, जप रे मन रात दिन, बोलो बम बम...
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