जयपुर से लाई मैं तो चुनरी रंगवाई के लख्खा जी भजन लिरिक्स
जयपुर से लाई मैं तो, चुनरी रंगवाई के, गोटा किनारी अपने, हाथो लगवाई के, मैया को ओढ़ाउंगी, द्वारे पे जाइके।।...
Read moreDetailsजयपुर से लाई मैं तो, चुनरी रंगवाई के, गोटा किनारी अपने, हाथो लगवाई के, मैया को ओढ़ाउंगी, द्वारे पे जाइके।।...
Read moreDetailsहे मारुती सारी राम कथा का, सार तुम्हारी आँखों में, हे मारुती सारी रामकथा का, सार तुम्हारी आँखों में, दुनिया...
Read moreDetailsकाम होगा वही जिसे चाहोगे राम, अपने स्वामी को, अपने स्वामी को सेवक क्या समझाएगा।। सागर में तेर रहे पत्थर...
Read moreDetailsमाँ मुराद कर पूरी आस रहे ना अधूरी, तेरे दर से जाऊंगा झोली भर के, शेरोवाली माता देख ले, आया...
Read moreDetailsमेरे कंठ बसो महारानी, ना मैं जानू पूजा तेरी, ना मैं जानू महिमा तेरी, मैं मूरख अज्ञानी, मेरे कंठ बसो...
Read moreDetailsतू जो दया ज़रा सी करदे, सर पे हाथ मेरे माँ धर दे। श्लोक - तेरे दरबार का पाने नज़ारा,...
Read moreDetailsतेरा भवन सजा जिन फूलों से, उन फूलों की महिमा खास है माँ, बड़ा गर्व है उनको किस्मत पर, तेरा...
Read moreDetailsतेरी दया के किस्से, दुनिया को मैं सुनाऊ। श्लोक - सर झुकाओगे अगर, माँ के दरबार के आगे, ना कभी...
Read moreDetailsतुम्हे हर घडी माँ प्यार करेगी, जरा माँ के दर पे तुम आकर के देखो, झुलाएगी पलकों के झूले में...
Read moreDetailsहै तमन्ना यही खाटु वाले प्रभु, मैं जनम भर तेरे गीत गाता रहूँ, सिर्फ देखा करूँ तेरी बांकी छवि, और...
Read moreDetails© 2024 Bhajan Diary