युगों युगों से यही हमारी बनी हुई परिपाटी है लिरिक्स
युगों युगों से यही हमारी, बनी हुई परिपाटी है, खून दिया है मगर नही दी, कभी देश की माटी है,...
Read moreDetailsयुगों युगों से यही हमारी, बनी हुई परिपाटी है, खून दिया है मगर नही दी, कभी देश की माटी है,...
Read moreDetailsदेश उठेगा अपने पैरो, निज गौरव के भान से, स्नेह भरा विश्वास जगाकर, जिए सुख सम्मान से।। परावलंबी देश जगत...
Read moreDetailsपराक्रमी अध्याय लिखेंगे, ले दृढ़ता से ठान, पराक्रमी अध्याय लिखेगे, ले दृढ़ता से ठान, जग बोलेगा हो नत मस्तक, जग...
Read moreDetailsमन कहे रूक जा रे रूक जा, यह हसीन है जमीं, भारत के जैसी माटी, है कही भी नहीं, अरे...
Read moreDetailsमिल कहो गर्व से हिन्दू है हम, यह हिन्दूस्तान हमारा, था स्वामी जी का नारा, था स्वामी जी का नारा,...
Read moreDetailsमन मस्त फकीरी धारी है, अब एक ही धुन जय जय भारत।। हम धन्य है इस जगजननी की, सेवा का...
Read moreDetailsअब जाग उठो कमर कसो, मंजिल की राह बुलाती है, ललकार रही हमको दुनिया, भेरी आवाज़ लगाती है, अब जाग...
Read moreDetailsदिव्य धरा यह भारती, छलक रहा आनंद, नव सौंदर्य संवारती, शीतल मंद सुगंध, उतारे आरती जय माँ भारती, उतारे आरती...
Read moreDetailsहम लोगों को समझ सको तो, समझो दिलबर जानी, जितना भी तुम समझोगे, उतनी होगी हैरानी, अपनी छतरी तुमको दे...
Read moreDetailsकोटि कोटि हिन्दुजन का, हम ज्वार उठा कर मानेंगे, सौगंध राम की खाते हैं, भारत को भव्य बनाएंगे, भारत को...
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